तेजी के बाजार में ऑटो शेयरों की पिटाई: जानिए क्या है वजह | Auto Stocks

Auto Stocks: हाल के दिनों में, जब भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल है, ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयरों में गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है। आइए समझते हैं कि इस विपरीत रुझान के पीछे क्या कारण हैं।

कमजोर मांग और बिक्री में गिरावट

पिछले कुछ महीनों में, ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री में कमी देखी गई है। उदाहरण के लिए, मारुति सुजुकी ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में केवल 0.4% की वृद्धि दर्ज की, जो लगभग तीन वर्षों में सबसे धीमी है। कंपनी का मुनाफा भी 17% घटकर 30.69 अरब रुपये रह गया, जिसका मुख्य कारण टैक्स लाभों में बदलाव था।

बजाज ऑटो की चेतावनी

बजाज ऑटो ने त्योहारी सीजन में कमजोर बिक्री की चेतावनी दी, जिससे उसके शेयरों में 12% की गिरावट आई। कंपनी ने बताया कि इस महीने बिक्री में केवल 1-2% की वृद्धि हुई, जो बाजार की 5-6% की उम्मीद से कम थी।

टेस्ला की संभावित एंट्री से प्रतिस्पर्धा का बढ़ना

टेस्ला की भारतीय बाजार में संभावित प्रवेश ने घरेलू ऑटो कंपनियों के शेयरों पर दबाव डाला है। खबरों के अनुसार, सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क कम करने पर विचार कर रही है, जिससे टेस्ला की एंट्री आसान हो सकती है। इससे महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट देखी गई।

वैश्विक आर्थिक मंदी और निर्यात में बाधाएं

वैश्विक आर्थिक मंदी और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों के कारण भी ऑटो सेक्टर प्रभावित हुआ है। उदाहरण के लिए, हुंडई मोटर इंडिया की दूसरी तिमाही का मुनाफा 16.5% घटा, जिसका कारण घरेलू बिक्री में कमी और रेड सी में निर्यात में बाधाएं थीं।

निवेशकों की सतर्कता और एफपीआई की बिकवाली

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार बिकवाली से भी ऑटो शेयरों पर दबाव बढ़ा है। 2025 में अब तक एफपीआई ने 11.75 अरब डॉलर के शेयर बेचे हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी है।

Conclusion- Auto Stocks

तेजी के बावजूद ऑटो शेयरों की गिरावट के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं, जैसे कमजोर मांग, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, वैश्विक आर्थिक चुनौतियां और निवेशकों की सतर्कता। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को ऑटो सेक्टर में निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार के रुझानों पर नजर रखनी चाहिए।

Read more:

Leave a Comment

Join WhatsApp