आज भारतीय शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली। सेंसेक्स में 1100 अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी ने 29 वर्षों का निचला स्तर छू लिया। निवेशकों के लिए यह दिन चिंताजनक रहा, और बाजार में इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। आइए, इन कारणों पर विस्तार से चर्चा करें।
1. वैश्विक बाजारों में गिरावट
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 0.25% की कटौती के बावजूद, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी है। फेडरल रिजर्व ने भविष्य में और भी दर कटौती के संकेत दिए हैं, जिससे निवेशकों में भय का माहौल बना है। इस अनिश्चितता के कारण अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट देखी गई, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा है।
2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
वर्ष 2025 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार से ₹1,13,721 करोड़ की निकासी की है। विशेष रूप से फरवरी महीने में ₹47,349 करोड़ की बिकवाली हुई है। विदेशी निवेशकों की इस भारी बिकवाली ने बाजार में दबाव बढ़ाया है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई है।
3. आईटी और बैंकिंग सेक्टर पर दबाव
अमेरिकी चिप निर्माता Nvidia के कमजोर परिणामों के बाद, भारतीय आईटी सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। निफ्टी आईटी इंडेक्स में 3.2% की गिरावट दर्ज की गई, जिसमें टेक महिंद्रा, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, और एमफैसिस जैसे प्रमुख कंपनियों के शेयरों में significant गिरावट आई है। इसके अलावा, बैंकिंग सेक्टर में भी बिकवाली का दबाव देखा गया है, जिससे बाजार में और गिरावट आई है।
4. डॉलर इंडेक्स में वृद्धि
डॉलर इंडेक्स के 107.35 के स्तर तक पहुंचने से विदेशी निवेशकों के लिए उभरते बाजारों में निवेश महंगा हो गया है। मजबूत डॉलर के कारण भारतीय बाजार से विदेशी पूंजी की निकासी बढ़ी है, जिससे बाजार में गिरावट का माहौल बना है।
Conclusion
इन सभी कारकों के संयुक्त प्रभाव से भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है। बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें और अपने निवेश पोर्टफोलियो का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करें।
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