Farmer Protest: प्रिय पाठकों, हाल ही में शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने आगामी रणनीतियों और सरकार के साथ बातचीत के बारे में महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। आइए, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर डालते हैं।
Farmer Protest
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का नेतृत्व किया। उन्होंने बताया कि सरकार के साथ बातचीत में कोई ठोस परिणाम न निकलने के कारण किसानों ने अपनी रणनीति में बदलाव करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार 24 घंटे के भीतर उनकी मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देती है, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
दिल्ली कूच का नया ऐलान
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, पंधेर ने घोषणा की कि किसान अब 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि यह निर्णय किसानों की एकजुटता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए लिया गया है।
सरकार को अल्टीमेटम
किसान नेताओं ने सरकार को 24 घंटे का समय दिया है ताकि वह उनकी मांगों पर विचार करे और उचित समाधान प्रस्तुत करे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
आंदोलन की आगामी रणनीति
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि किसान अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से दृढ़ हैं और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो वे अपने आंदोलन को देशव्यापी स्तर पर फैलाएंगे और अन्य किसान संगठनों के साथ मिलकर इसे और मजबूत करेंगे।
Conclusion- Farmer Protest
किसान नेताओं की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह स्पष्ट है कि वे अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और सरकार से उचित समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत किस दिशा में जाती है और क्या समाधान निकलता है।
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