प्रिय किसान मित्रों, आज हम आपको एक ऐसे प्राकृतिक उपाय के बारे में बताएंगे, जिससे आप अपनी फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। जीवामृत खाद एक प्रभावी जैविक खाद है, जिसे आप घर पर ही आसानी से बना सकते हैं। आइए जानते हैं इसे बनाने की विधि और इसके छिड़काव का सही तरीका।
Organic Farming
जीवामृत खाद एक तरल जैविक खाद है, जो देसी गाय के गोबर, गोमूत्र, गुड़, बेसन और मिट्टी के मिश्रण से तैयार की जाती है। यह खाद मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ाकर फसलों की वृद्धि में सहायक होती है।
जीवामृत खाद बनाने की विधि
आवश्यक सामग्री:
- देसी गाय का गोबर: 10 किलोग्राम
- देसी गाय का गोमूत्र: 10 लीटर
- गुड़: 1-2 किलोग्राम
- बेसन: 1-2 किलोग्राम
- मिट्टी (वृक्षों के नीचे की): 1 मुट्ठी
- पानी: 180-200 लीटर
बनाने की प्रक्रिया:
- एक प्लास्टिक के ड्रम में 180-200 लीटर पानी भरें।
- इसमें गोबर, गोमूत्र, गुड़, बेसन और मिट्टी मिलाएं।
- इस मिश्रण को लकड़ी की छड़ी से घड़ी की दिशा में अच्छी तरह हिलाएं।
- ड्रम को ढककर छाया में रखें और दिन में दो बार (सुबह-शाम) हिलाएं।
- गर्मियों में 2-3 दिन और सर्दियों में 3-4 दिन बाद जीवामृत तैयार हो जाएगा।
जीवामृत खाद का उपयोग
मिट्टी में उपयोग:
प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में 10% जीवामृत मिलाकर फसल की सिंचाई के साथ दें। यह प्रक्रिया महीने में दो बार दोहराएं।
फसलों पर छिड़काव:
फसल की बुवाई के 21 दिन बाद, प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में 5 लीटर छना हुआ जीवामृत मिलाकर छिड़काव करें। इसके बाद हर 21 दिन के अंतराल पर यह प्रक्रिया दोहराएं।
जीवामृत खाद के लाभ
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
- फसलों की वृद्धि में तेजी आती है।
- रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है।
- फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
Conclusion- Organic Farming
जीवामृत खाद एक सरल और प्रभावी तरीका है, जिससे आप अपनी फसलों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इसे अपनाकर न केवल आपकी फसलें बेहतर होंगी, बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी। तो आज ही इस प्राकृतिक खाद को अपने खेती में शामिल करें और इसके लाभ उठाएं।
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