OLA Electric Share Price: इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता ओला इलेक्ट्रिक के निवेशकों के लिए हालिया घटनाक्रम चिंताजनक रहे हैं। कंपनी की सहायक इकाई के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में दिवालियापन याचिका दायर होने के बाद, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई है। आइए, इस मामले की विस्तार से समीक्षा करते हैं।
दिवालियापन याचिका का विवरण
ओला इलेक्ट्रिक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड ने दिवालियापन और दिवालियापन संहिता, 2016 की धारा 9 के तहत याचिका दायर की है। रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज का दावा है कि ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज ने उनकी सेवाओं के लिए भुगतान में चूक की है, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने NCLT की बेंगलुरु बेंच में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) शुरू करने की मांग की है।
ओला इलेक्ट्रिक की प्रतिक्रिया
कंपनी ने इन आरोपों का कड़ा खंडन किया है और कहा है कि वे अपने हितों की रक्षा के लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं। ओला इलेक्ट्रिक ने जोर देकर कहा है कि वे आरोपों का मुकाबला करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
शेयर मूल्य पर प्रभाव
इस घटनाक्रम के बाद, ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। सोमवार, 17 मार्च को, कंपनी के शेयर मूल्य में 6% से अधिक की गिरावट आई, जिससे यह ₹47.06 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया। यह गिरावट निवेशकों के बीच बढ़ती चिंता को दर्शाती है।
पृष्ठभूमि: ओला इलेक्ट्रिक और रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज का संबंध
ओला इलेक्ट्रिक अपने वाहनों के पंजीकरण के लिए रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज और शिमनीत इंडिया जैसी एजेंसियों के साथ काम करती है, क्योंकि कंपनी सीधे उपभोक्ता रणनीति के हिस्से के रूप में केवल कंपनी के स्वामित्व वाले स्टोर के माध्यम से काम करती है। रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज और शिमनीत इंडिया, दो एजेंसियां, विभिन्न क्षेत्रों में ओला इलेक्ट्रिक के लिए वाहन पंजीकरण प्रक्रियाओं को संभालती हैं।
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने और कंपनी के आगामी कदमों पर नजर रखने की सलाह दी जाती है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले, विशेषज्ञों से परामर्श लेना महत्वपूर्ण होगा।
Conclusion- OLA Electric Share Price
ओला इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी के खिलाफ दायर दिवालियापन याचिका ने कंपनी के शेयर मूल्य पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। कंपनी ने आरोपों का खंडन किया है और कानूनी सलाह ले रही है। आने वाले दिनों में इस मामले का विकास निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
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