क्या आप Mutual Fund निवेशक हैं और अचानक पैसों की जरूरत पड़ी है? क्या आप बिना अपनी म्यूचुअल फंड निवेश को बेचे, लोन लेना चाहते हैं? तो आज का यह लेख आपके लिए है! म्यूचुअल फंड के बदले लोन एक बेहतरीन तरीका है, जिससे आप अपनी निवेश राशि को बनाए रखते हुए लिक्विडिटी प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं, यह प्रक्रिया कैसे काम करती है।
कागजी कार्रवाई से बचें: लोन प्रक्रिया को समझें
जब आप म्यूचुअल फंड के बदले लोन लेने का निर्णय लेते हैं, तो सबसे पहली बात जो ध्यान में रखनी होती है, वह है कागजी कार्रवाई। यह प्रक्रिया काफी सरल है, लेकिन फिर भी कुछ कागजी कार्रवाई की जरूरत होती है। आपको बस ऋण आवेदन पत्र भरना होगा, और कुछ जरूरी दस्तावेजों के साथ इसे ऋणदाता को जमा करना होगा। अब, बैंक और वित्तीय संस्थान इस प्रक्रिया को ऑनलाइन भी उपलब्ध कराते हैं, जिससे समय और प्रयास की बचत होती है।
पात्रता की जाँच करें
हर म्यूचुअल फंड योजना लोन के लिए पात्र नहीं होती। इसका मतलब यह है कि कुछ योजनाएँ गिरवी रखने के लिए उपयुक्त नहीं मानी जातीं। आमतौर पर, लार्ज-कैप इक्विटी फंड, डेट फंड, और लिक्विड फंड को इस प्रक्रिया के लिए प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि इनमें कम अस्थिरता होती है। निवेशक को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनके पास सही प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जिसे गिरवी रखा जा सकता है।
ऋण आवेदन कैसे करें
ऋण आवेदन की प्रक्रिया बहुत सीधी है। आप इसे ऑनलाइन या शाखा कार्यालय में जाकर कर सकते हैं। आपको म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स के विवरण के साथ एक ऋण आवेदन पत्र भरकर जमा करना होगा। कुछ ऋणदाता डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से भी यह सुविधा प्रदान करते हैं, जैसे CAMS और KFintech। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से आवेदन करना बेहद सुविधाजनक होता है।
इकाइयों की गिरवी रखना
यदि आपने ऋण आवेदन सफलतापूर्वक जमा कर दिया है, तो अगला कदम इकाइयों की गिरवी रखना होता है। इसमें आपको अपने म्यूचुअल फंड हाउस या डिपॉजिटरी को एक ग्रहणाधिकार अनुरोध प्रस्तुत करना होगा, ताकि आपकी म्यूचुअल फंड इकाइयाँ ऋणदाता के पक्ष में गिरवी रखी जा सकें। इसके बाद, ऋणदाता इन इकाइयों पर नियंत्रण प्राप्त कर लेता है।
वितरण की प्रक्रिया
सभी प्रक्रियाएँ सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद, ऋणदाता आपके लोन को स्वीकृत करता है। लोन स्वीकृत होने के बाद, लोन से मूल्य (LTV) अनुपात के आधार पर आपको लोन की राशि दी जाती है। यह आमतौर पर इक्विटी फंड के लिए NAV का 50-70% और डेट फंड के लिए 80% तक होता है। इसके बाद, यह राशि आपके खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है।
ध्यान देने योग्य बातें
- ब्याज दरें आमतौर पर व्यक्तिगत लोन से कम होती हैं, लेकिन यह फंड के प्रकार और ऋणदाता पर निर्भर करता है।
- अगर म्यूचुअल फंड NAV गिरता है, तो ऋणदाता आपसे अतिरिक्त संपार्श्विक या आंशिक ऋण चुकौती की मांग कर सकता है। यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
म्यूचुअल फंड के बदले लोन एक शानदार तरीका है, जिससे आप बिना अपने निवेश को बेचे लिक्विडिटी प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और सुविधाजनक है, और खासकर तब काम आती है जब आपको जल्दी पैसों की आवश्यकता हो। बस ध्यान रखें कि सभी म्यूचुअल फंड योजनाएँ लोन के लिए पात्र नहीं होतीं, और यह प्रक्रिया एक उचित योजना के साथ पूरी करनी होती है।
Read More:
- Suzlon Energy Share: सुजलॉन एनर्जी ने किया कमाल! 6 दिन की बंपर रैली के बाद क्या अब 60 पार होगा शेयर?
- EPFO ने घोषित किए नए नियम: EDLI योजना में 3 महत्वपूर्ण बदलाव जो आपके लिए फायदेमंद हैं
- Stock Split: 287% रिटर्न और ₹42 करोड़ का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट! इस कंपनी ने शेयर बाजार में मचा दिया तहलका
- Tata power Share: टाटा पावर के शेयरों में बंपर उछाल! जानिए क्यों निवेशकों की निकल पड़ी लॉटरी
- RIL Share: रिलायंस का खेल शुरू! मॉर्गन स्टेनली ने दिया बड़ा टारगेट, निवेशकों की बल्ले-बल्ले