SEBI News: अब नहीं कर पाएंगे छोटा निवेश? SEBI के नए नियमों से F&O में बड़ा बदलाव!

SEBI News: शेयर बाजार में फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग हमेशा से निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। हालांकि, हाल के वर्षों में छोटे निवेशकों को हुए भारी नुकसान के मद्देनजर, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने F&O ट्रेडिंग के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आइए, जानते हैं इन नए नियमों का छोटे निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

SEBI की रिपोर्ट: छोटे निवेशकों को भारी नुकसान

SEBI की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 से 2023-24 के बीच, F&O सेगमेंट में शामिल 93% व्यक्तिगत ट्रेडर्स को नुकसान हुआ है, जिसमें कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। इस चौंकाने वाले आंकड़े ने SEBI को नए नियम लागू करने के लिए प्रेरित किया है, ताकि छोटे निवेशकों को अत्यधिक जोखिम से बचाया जा सके।

नए नियम: F&O ट्रेडिंग में बड़े बदलाव

20 नवंबर 2024 से लागू होने वाले इन नए नियमों के तहत, F&O ट्रेडिंग में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं:

  • कॉन्‍ट्रैक्‍ट साइज में वृद्धि: इंडेक्स डेरिवेटिव्स के लिए न्यूनतम कॉन्‍ट्रैक्‍ट साइज को बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया है, जो पहले 5-10 लाख रुपये था।
  • प्रीमियम का अग्रिम संग्रह: 1 फरवरी 2025 से, ऑप्शन खरीदारों को प्रीमियम का अग्रिम भुगतान करना होगा, जिससे निवेशक ट्रेडिंग के समय अधिक सतर्क रहें।
  • साप्ताहिक एक्सपायरी पर प्रतिबंध: हर एक्सचेंज पर साप्ताहिक एक्सपायरी को एक तक सीमित किया गया है, जिससे अत्यधिक ट्रेडिंग और बाजार की अस्थिरता पर नियंत्रण पाया जा सके।
  • पोजीशन लिमिट्स की इंट्राडे मॉनिटरिंग: स्टॉक एक्सचेंजों को निर्देश दिया गया है कि वे इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव्स की पोजीशन लिमिट्स की इंट्राडे मॉनिटरिंग करें, ताकि कोई भी ट्रेडर अपनी पोजीशन को निर्धारित सीमा से अधिक न बढ़ाए।

छोटे निवेशकों पर प्रभाव: क्या F&O ट्रेडिंग होगी मुश्किल?

इन नए नियमों का उद्देश्य छोटे निवेशकों को अत्यधिक जोखिम से बचाना है। बढ़ा हुआ कॉन्‍ट्रैक्‍ट साइज और प्रीमियम का अग्रिम भुगतान जैसे प्रावधान छोटे निवेशकों के लिए F&O ट्रेडिंग में प्रवेश को कठिन बना सकते हैं। इससे उम्मीद है कि केवल वे निवेशक ही इस सेगमेंट में शामिल होंगे, जो जोखिम को समझते हैं और आवश्यक वित्तीय क्षमता रखते हैं।

विशेषज्ञों की राय: निवेशकों के लिए सुरक्षा या प्रतिबंध?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सीईओ आशीष चौहान ने SEBI के इन कदमों का समर्थन करते हुए कहा है कि ये उपाय निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इन नियमों से छोटे निवेशकों के लिए F&O ट्रेडिंग में भाग लेना कठिन हो सकता है, जिससे उनकी निवेश संभावनाएं सीमित हो सकती हैं।

Conclusion- SEBI News

SEBI के नए नियम छोटे निवेशकों को F&O ट्रेडिंग में होने वाले भारी नुकसान से बचाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं। हालांकि, इनसे छोटे निवेशकों के लिए इस सेगमेंट में प्रवेश कठिन हो सकता है। यह आवश्यक है कि निवेशक अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम वहन क्षमता का मूल्यांकन करें और सूचित निर्णय लें।

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