IT Sector: आईसीआरए की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के आईटी सेवा क्षेत्र में वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में 4-6% की मध्यम राजस्व वृद्धि की संभावना है। यह अनुमान वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और प्रमुख बाजारों में नीतिगत अनिश्चितताओं के मद्देनजर लगाया गया है।
वैश्विक आर्थिक चुनौतियाँ और आईटी क्षेत्र पर प्रभाव
अमेरिका और यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में आर्थिक मंदी और नीतिगत अनिश्चितताओं के कारण भारतीय आईटी कंपनियों की वृद्धि पर दबाव बना हुआ है। इन बाजारों में व्यापार शुल्क और नीतिगत परिवर्तन आईटी सेवा निर्यातकों के लिए चिंता का विषय हैं।
FY25 में आईटी कंपनियों का प्रदर्शन
आईसीआरए के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों में भारतीय आईटी कंपनियों ने अमेरिकी डॉलर में 3.6% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है। यह वृद्धि पिछले तीन तिमाहियों में धीरे-धीरे सुधार का संकेत देती है, जो FY24 के निम्न आधार, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) और खुदरा क्षेत्रों में ग्राहकों द्वारा आईटी खर्च में मामूली वृद्धि, और जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) पहलों में निवेश के कारण संभव हुई है।
कर्मचारियों की स्थिति: घटी हुई एट्रिशन दरें और कम हायरिंग
FY23 और FY24 की पहली छमाही में उच्च एट्रिशन दरों और वेतन लागत मुद्रास्फीति के बाद, आईटी उद्योग को अब राहत मिली है। आईसीआरए के अनुसार, FY25 की तीसरी तिमाही में एट्रिशन दर 12.8% तक गिर गई है, जो FY23 की तीसरी तिमाही में 22.3% थी। यह उम्मीद की जाती है कि निकट भविष्य में एट्रिशन दर 12-13% के दीर्घकालिक औसत पर स्थिर रहेगी। हालांकि, राजस्व वृद्धि में मंदी के कारण, हायरिंग गतिविधियाँ कम रहने की संभावना है, जब तक कि FY26 के अंत तक वृद्धि की गति तेज न हो जाए।
ऑपरेटिंग मार्जिन और लागत प्रबंधन
वेतन वृद्धि में कमी, कर्मचारियों के उच्च उपयोग, और लागत नियंत्रण उपायों के कारण, आईटी कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन (OPM) हाल के तिमाहियों में 22.5-23% पर स्थिर रहा है। यह प्रवृत्ति FY26 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
जनरेटिव एआई: नई संभावनाओं का द्वार
भारतीय आईटी कंपनियों ने जनरेटिव एआई में महत्वपूर्ण निवेश किया है और अपने कर्मचारियों को एआई कौशल में प्रशिक्षित किया है। इसका परिणाम यह है कि हाल के तिमाहियों में GenAI-संबंधित डील्स की संख्या में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और BFSI क्षेत्रों में, जो एआई अपनाने में अग्रणी रहे हैं।
Conclusion- IT Sector
FY26 में भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र के लिए 4-6% की राजस्व वृद्धि का अनुमान है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक चुनौतियाँ और नीतिगत अनिश्चितताएँ इस वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं। कंपनियाँ लागत प्रबंधन और एआई जैसी नई तकनीकों में निवेश के माध्यम से अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने का प्रयास कर रही हैं।
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