अपने पशुओं की सेहत का रखें खास ख्याल: जानें कौन-सी घास है हानिकारक

प्रिय पशुपालकों, बदलते मौसम में न केवल हम इंसानों को, बल्कि हमारे पशुओं को भी विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। मौसम परिवर्तन का सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है, और यदि हम उनके खान-पान और साफ-सफाई पर ध्यान न दें, तो वे बीमार पड़ सकते हैं। आज हम जानेंगे कि कौन-सी घास या चारा है जो हमारे पशुओं के लिए हानिकारक हो सकता है, ताकि हम उन्हें स्वस्थ और खुशहाल रख सकें।

गीली घास से बचें

आपने देखा होगा कि बारिश के बाद घास गीली हो जाती है। ऐसी गीली घास में हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो पशुओं के पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, हमेशा सुनिश्चित करें कि आप अपने पशुओं को सूखी और ताज़ा घास ही खिलाएँ। गीली घास देने से उनके पेट में समस्याएँ हो सकती हैं, जिससे वे अस्वस्थ हो सकते हैं।

कसनी (Cichorium Intybus) का सीमित उपयोग

कसनी, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Cichorium Intybus कहा जाता है, एक प्रकार की घास है जो अधिक मात्रा में देने पर पशुओं के लिए हानिकारक हो सकती है। यह उनके पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा कर सकती है। इसलिए, यदि आप अपने पशुओं को कसनी खिलाते हैं, तो इसे सीमित मात्रा में ही दें और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर चारे के साथ मिलाकर दें।

हानिकारक पौधों से सावधान रहें

हरी घास की कटाई के दौरान, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि उसमें कोई अकौआ, लैंटाना, या धतूरा जैसे हानिकारक पौधे न हों। ये पौधे पशुओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। बड़े स्तर पर पशुपालन करने वालों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि चारे में ऐसे पौधे न मिलें। छोटे स्तर पर, इन पौधों को पहचानकर आसानी से हटाया जा सकता है।

पशु बीमार होने पर क्या करें

यदि आपके पशु किसी भी कारण से बीमार हो जाते हैं, तो स्वयं उपचार करने से बचें। तुरंत किसी योग्य पशु चिकित्सक से संपर्क करें। गलत खान-पान या गीली घास के सेवन से पशुओं में पेट दर्द या अफारा जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, जो गंभीर होने पर उनकी मृत्यु का कारण भी बन सकती हैं। इसलिए, समय पर उचित चिकित्सा सहायता प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है।

अपने पशुओं की देखभाल में सतर्क रहना और उन्हें सही प्रकार का चारा प्रदान करना उनकी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। गीली घास, कसनी, और हानिकारक पौधों से बचकर हम अपने पशुओं को स्वस्थ रख सकते हैं। याद रखें, स्वस्थ पशु ही हमारे समृद्धि का आधार हैं।

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