बड़ी खबर! एफडी में पैसा लगाने वालों को अब देना पड़ेगा तगड़ा टैक्स | Income Tax On FD

Income Tax On FD: फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) भारतीय निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय और सुरक्षित निवेश विकल्प है। हालांकि, एफडी से प्राप्त ब्याज आय पर आयकर लागू होता है, जिसे समझना आवश्यक है ताकि आप अपने निवेश से अधिकतम लाभ उठा सकें और अप्रत्याशित कर देनदारी से बच सकें।

एफडी पर आयकर कैसे लगता है?

एफडी से मिलने वाला ब्याज आपकी कुल आय में जोड़ा जाता है और आपके आयकर स्लैब के अनुसार उस पर कर लगाया जाता है। बैंक या वित्तीय संस्थान एक वित्तीय वर्ष में ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक ब्याज आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) करते हैं। यदि आपने अपना पैन विवरण बैंक को नहीं दिया है, तो टीडीएस की दर 20% हो सकती है।

आयकर स्लैब और एफडी ब्याज

आपकी कुल आय के आधार पर, आयकर स्लैब निर्धारित होता है, जो यह तय करता है कि एफडी से प्राप्त ब्याज पर कितना कर लगेगा। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कुल आय ₹2.5 लाख से कम है, तो कोई कर देनदारी नहीं होगी। लेकिन यदि आय ₹5 लाख से अधिक है, तो संबंधित स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा।

टीडीएस से बचने के उपाय

यदि आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आप फॉर्म 15G (60 वर्ष से कम आयु के लिए) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) भरकर टीडीएस कटौती से बच सकते हैं। यह फॉर्म बैंक में जमा करने से बैंक टीडीएस नहीं काटेगा, लेकिन आपको अपनी आयकर रिटर्न में ब्याज आय को शामिल करना होगा।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान

वरिष्ठ नागरिकों के लिए, आयकर अधिनियम की धारा 80TTB के तहत ₹50,000 तक की ब्याज आय पर कर छूट उपलब्ध है। इसका अर्थ है कि यदि किसी वरिष्ठ नागरिक की ब्याज आय ₹50,000 तक है, तो उस पर कोई कर देनदारी नहीं होगी।

एफडी पर कर बचाने के तरीके

यदि आप एफडी पर कर बचाना चाहते हैं, तो 5 वर्षीय टैक्स-सेविंग एफडी में निवेश कर सकते हैं, जो आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की कटौती प्रदान करता है। हालांकि, इस एफडी पर मिलने वाला ब्याज कर योग्य होता है।

Conclusion- Income Tax On FD

फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश साधन है, लेकिन इससे प्राप्त ब्याज आय पर कर देनदारी को समझना और उसके अनुसार योजना बनाना आवश्यक है। सही जानकारी और कर नियोजन के माध्यम से, आप अपने निवेश से अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकते हैं और अनावश्यक कर देनदारी से बच सकते हैं।

Read more:

Leave a Comment

Join WhatsApp