आलू किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। अब उन्हें अपनी फसल कम दाम पर बेचने की मजबूरी नहीं होगी। हरियाणा सरकार ने आलू उत्पादक किसानों के लिए ‘भावांतर भरपाई योजना’ का विस्तार किया है, जिससे उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित होगा। इस योजना के तहत पंजीकरण करने से किसान बाजार में मूल्य गिरावट के बावजूद लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
‘भावांतर भरपाई योजना’ का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को बाजार में मूल्य गिरावट से होने वाले नुकसान से बचाना है। जब मंडियों में फसलों के दाम निर्धारित संरक्षित मूल्य से कम हो जाते हैं, तो सरकार संरक्षित मूल्य और बिक्री मूल्य के अंतर की भरपाई करती है, जिससे किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिलती है।
आलू किसानों के लिए विशेष लाभ
हाल ही में, हरियाणा सरकार ने आलू उत्पादक किसानों को इस योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, यह योजना केवल कुछ फसलों तक सीमित थी, लेकिन अब आलू को भी इसमें शामिल किया गया है। सरकार ने पिछले वर्ष 2023-24 की बकाया राशि के रूप में 46.34 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है, जिससे किसानों को तत्काल राहत मिली है।
पंजीकरण प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपनी फसल का पंजीकरण ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर करना होगा। पंजीकरण की प्रक्रिया सरल है:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल चुनें।
- आवश्यक विवरण भरें, जैसे कि किसान का नाम, भूमि का विवरण, फसल की जानकारी आदि।
- सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें, जैसे कि आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, भूमि रिकॉर्ड आदि।
- सबमिट करने के बाद, पंजीकरण की पुष्टि प्राप्त करें।
पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 नवंबर निर्धारित की गई है, इसलिए किसानों को समय पर अपना पंजीकरण सुनिश्चित करना चाहिए।
संरक्षित मूल्य और भुगतान प्रक्रिया
सरकार ने आलू का संरक्षित मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। यदि मंडी में बिक्री के दौरान किसानों को इससे कम मूल्य मिलता है, तो सरकार अंतर की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर करेगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी किसान ने 380 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आलू बेचा, तो सरकार 20 रुपये प्रति क्विंटल की भरपाई करेगी।
किसानों के लिए सलाह
किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसल की बिक्री के दौरान सभी आवश्यक दस्तावेज़, जैसे कि बिक्री रसीद, मंडी रसीद आदि, संभालकर रखें। यह दस्तावेज़ भुगतान प्रक्रिया में सहायक होंगे और किसी भी विवाद की स्थिति में प्रमाण के रूप में कार्य करेंगे।
Conclusion
‘भावांतर भरपाई योजना’ आलू किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें बाजार की अनिश्चितताओं से बचाते हुए उनकी आय को स्थिर करती है। उचित पंजीकरण और समय पर फसल बिक्री से किसान इस योजना का पूर्ण लाभ उठा सकते हैं। इसलिए, सभी आलू उत्पादक किसानों से अनुरोध है कि वे जल्द से जल्द अपना पंजीकरण कराएं और इस योजना का लाभ उठाएं।
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