नमस्कार किसान भाइयों! आज हम एक महत्वपूर्ण खबर लेकर आए हैं, जो आपकी खेती-बाड़ी से जुड़ी है। NPK खाद की कीमतों में हाल ही में 250 रुपये प्रति बोरी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे किसानों की चिंताएँ बढ़ गई हैं। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।
NPK खाद की नई कीमतें
1 जनवरी 2025 से, NPK 10-26-26 और NPK 12-32-16 खाद की 50 किलोग्राम की बोरी की कीमतों में 255 रुपये की वृद्धि की गई है। पहले ये बोरी 1470 रुपये में मिलती थी, लेकिन अब इनकी कीमत बढ़कर 1725 रुपये हो गई है। यह वृद्धि किसानों के लिए एक अतिरिक्त आर्थिक बोझ साबित हो रही है।
कीमतों में वृद्धि का कारण
सरकार ने उर्वरकों की कीमतों में इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को बताया है। फॉस्फोरिक एसिड, अमोनिया और अन्य कच्चे पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के चलते उर्वरक निर्माण की लागत बढ़ गई है, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है।
किसानों पर प्रभाव
इस मूल्य वृद्धि से किसानों की उत्पादन लागत में वृद्धि होगी, जिससे उनकी आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर होती है।
सरकार की सब्सिडी और सहायता
हालांकि, सरकार ने यूरिया पर सब्सिडी जारी रखने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी। वर्तमान में, यूरिया की 45 किलोग्राम की बोरी की वास्तविक कीमत 2236.37 रुपये है, लेकिन सब्सिडी के बाद यह किसानों को 266.50 रुपये में उपलब्ध होती है।
किसानों के लिए सुझाव
इस स्थिति में, किसानों को चाहिए कि वे उर्वरकों का संतुलित और समुचित उपयोग करें। साथ ही, जैविक खाद और हरित खाद जैसे विकल्पों पर भी विचार करें, जो न केवल लागत को कम करेंगे, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाएंगे।
Conclusion
किसानों के लिए यह समय चुनौतियों से भरा है, लेकिन सही जानकारी और संसाधनों के समुचित उपयोग से इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। हम आशा करते हैं कि सरकार और संबंधित संस्थाएँ किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए उचित कदम उठाएँगी।
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