Chana Ka Bhav Today 03-03-2025: किसानों की बल्ले-बल्ले! चना के भाव में ₹150 की तगड़ी उछाल – जानें मंडी रेट

Chana Ka Bhav Today: हाल के दिनों में चना की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जिससे किसानों और व्यापारियों के बीच उत्साह का माहौल है। 1 मार्च 2025 को विभिन्न मंडियों में चने की कीमतों में 150 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी दर्ज की गई है। आइए, देशी चना और काबुली चना के ताजा भाव और इस वृद्धि के संभावित कारणों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

देशी चना के ताजा भाव

देशी चना की कीमतों में हालिया वृद्धि ने किसानों को राहत दी है। Commodity Online के अनुसार, 1 मार्च 2025 को देशी चना की औसत कीमत ₹8,187.61 प्रति क्विंटल रही। विभिन्न राज्यों में चना के भाव इस प्रकार रहे:

  • महाराष्ट्र: ₹8,500 प्रति क्विंटल
  • मणिपुर: ₹9,750 प्रति क्विंटल
  • आंध्र प्रदेश: ₹5,300 प्रति क्विंटल
  • मध्य प्रदेश: ₹6,100 प्रति क्विंटल
  • त्रिपुरा: ₹8,300 प्रति क्विंटल

इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि चना की कीमतें राज्यवार भिन्न हैं, जो स्थानीय मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती हैं।

काबुली चना के ताजा भाव

काबुली चना, जिसे सफेद चना या चिकपी के नाम से भी जाना जाता है, की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है। हालांकि, सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन व्यापारियों के अनुसार, काबुली चना की कीमतों में भी 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है।

कीमतों में वृद्धि के संभावित कारण

चना की कीमतों में इस वृद्धि के पीछे कई कारक हो सकते हैं:

  1. मांग में वृद्धि: सर्दियों के मौसम में चने की खपत बढ़ जाती है, जिससे मांग में वृद्धि होती है।
  2. उत्पादन में कमी: कुछ क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों के कारण उत्पादन प्रभावित हुआ है, जिससे आपूर्ति में कमी आई है।
  3. निर्यात में वृद्धि: अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चने की मांग बढ़ने से घरेलू बाजार में आपूर्ति पर दबाव पड़ा है।

भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मांग और आपूर्ति की वर्तमान स्थिति बनी रहती है, तो चने की कीमतों में स्थिरता या और वृद्धि संभव है। किसानों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन उपभोक्ताओं को उच्च कीमतों का सामना करना पड़ सकता है।

Conclusion- Chana Ka Bhav Today

चना की कीमतों में हालिया वृद्धि ने कृषि बाजार में हलचल मचा दी है। किसानों के लिए यह लाभकारी हो सकता है, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। आने वाले दिनों में कीमतों की दिशा मांग, आपूर्ति और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगी।

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