गिरावट के बावजूद उम्मीद की किरण सेंसेक्स और निफ्टी में रिकवरी के संकेत | Share Market

Share Market: शेयर बाजार में हालिया गिरावट ने निवेशकों के मन में चिंता बढ़ा दी है। पिछले पांच महीनों से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों का लाखों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

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विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारी बिकवाली, अमेरिकी बॉन्ड पर बढ़ती यील्ड, रुपये में गिरावट, तीसरी तिमाही के कमजोर आय परिणाम और उच्च वैल्यूएशन ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ से संबंधित फैसलों ने भी बाजार की दिशा को प्रभावित किया है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में बाजार की गिरावट

ऐतिहासिक रूप से, भारतीय शेयर बाजार ने कई बार ऐसे उतार-चढ़ाव देखे हैं। 1992 के हर्षद मेहता घोटाले, 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट और 2020 के कोविड-19 महामारी के दौरान भी बाजार में भारी गिरावट आई थी। लेकिन हर बार बाजार ने मजबूत वापसी की है, जिससे यह साबित होता है कि गिरावट के बाद रिकवरी संभव है।

रिकवरी के संकेत

हालांकि वर्तमान में बाजार में गिरावट है, लेकिन कुछ संकेत रिकवरी की ओर इशारा कर रहे हैं। मार्च का महीना ऐतिहासिक रूप से तेजड़ियों के पक्ष में रहा है, और विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर मैक्रो न्यूज फ्लो और FII की धीमी बिक्री के कारण भारतीय बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, लार्जकैप वैल्यूएशन उचित स्तर पर हैं, जिससे लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छे शेयरों में निवेश का अवसर बनता है।

निवेशकों के लिए सलाह

इस गिरावट के दौर में निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। इतिहास गवाह है कि बाजार ने हर गिरावट के बाद मजबूत वापसी की है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह समय अच्छे गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करने का हो सकता है। हालांकि, निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

Conclusion- Share Market

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव सामान्य हैं, और वर्तमान गिरावट के बावजूद, रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं। निवेशकों को धैर्य रखते हुए सोच-समझकर निवेश के फैसले लेने चाहिए, ताकि वे भविष्य में होने वाले लाभ का लाभ उठा सकें।

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