Kisan Andolan: बीकानेर, राजस्थान का प्रमुख जिला, जहां के किसान आजकल सिंचाई के पानी की कमी से परेशान हैं। इस समस्या ने उन्हें सड़कों पर उतरने और चक्का जाम करने पर मजबूर कर दिया है। आइए, जानते हैं इस आंदोलन के पीछे की कहानी और किसानों की मांगें।
सिंचाई पानी की कमी: किसानों की बड़ी चिंता
बीकानेर जिले के लूणकरनसर से खाजूवाला तक के किसान रबी की फसल की सिंचाई के लिए आवश्यक पानी की कमी से जूझ रहे हैं। इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) में पानी की आपूर्ति कम होने के कारण फसलों की सिंचाई प्रभावित हो रही है, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
चक्का जाम: मजबूरी में उठाया कदम
पानी की मांग को लेकर किसानों ने शनिवार, 15 फरवरी 2025 को नेशनल हाईवे-911 और 620 आरडी पर चक्का जाम किया। इसके अलावा, घड़साना टोल नाके पर भी बीकानेर-श्रीगंगानगर नेशनल हाईवे को अवरुद्ध किया गया। किसानों का कहना है कि जब तक उन्हें पर्याप्त सिंचाई पानी नहीं मिलता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रशासन से वार्ता: अब तक बेनतीजा
किसानों और प्रशासन के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। किसानों की मांग है कि उन्हें इंदिरा गांधी नहर से अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराया जाए ताकि उनकी फसलें बच सकें। प्रशासन की ओर से प्रयास जारी हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है।
विधायक का समर्थन: विधानसभा में उठी आवाज़
अनूपगढ़ विधायक शिमला देवी ने किसानों के समर्थन में विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने जल संसाधन मंत्री और अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर किसानों की समस्याओं का समाधान करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते पानी उपलब्ध नहीं कराया गया, तो किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएंगी।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना: जीवनरेखा पर संकट
इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) राजस्थान के 10 जिलों को पानी की आपूर्ति करती है, जिसमें बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चूरू, झुंझुनू और सीकर शामिल हैं। यह नहर पंजाब के हरिके बैराज से पानी प्राप्त करती है। वर्तमान में, नहर में पानी की कमी के कारण सिंचाई और पेयजल आपूर्ति दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
किसानों की मांग: अतिरिक्त पानी की आपूर्ति
किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें कम से कम 1000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराया जाए ताकि उनकी फसलें बच सकें। उनका कहना है कि यदि समय पर पानी नहीं मिला, तो उनकी मेहनत और निवेश दोनों बर्बाद हो जाएंगे। प्रशासन से उनकी अपील है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए।
आंदोलन का असर: जनजीवन प्रभावित
किसानों के चक्का जाम के कारण नेशनल हाईवे-911 और 620 आरडी पर यातायात प्रभावित हुआ है। स्थानीय बाजार भी बंद रहे, जिससे आम जनजीवन पर असर पड़ा है। प्रशासन की कोशिशों के बावजूद आंदोलन जारी है, और किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे।
Conclusion- Kisan Andolan
किसानों को उम्मीद है कि प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेगा और जल्द से जल्द अतिरिक्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। वे चाहते हैं कि उनकी फसलें बचें और उनका भविष्य सुरक्षित हो। अब देखना यह है कि प्रशासन इस दिशा में क्या कदम उठाता है और किसानों की समस्याओं का समाधान कैसे होता है।
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