नमस्कार! आजकल Cheque Bounce के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे न केवल लेन-देन में बाधा उत्पन्न होती है, बल्कि कानूनी समस्याएं भी खड़ी होती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 मार्च 2025 से कुछ नए नियम लागू किए हैं, जो चेक बाउंस से संबंधित हैं। आइए, इन नए नियमों और उनकी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानें।
चेक बाउंस: एक गंभीर अपराध
जब किसी व्यक्ति द्वारा जारी किया गया चेक बैंक द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है, तो इसे चेक बाउंस कहा जाता है। इसके प्रमुख कारणों में खाते में पर्याप्त धनराशि का न होना, हस्ताक्षर में असंगति, या चेक की समयसीमा समाप्त होना शामिल है। चेक बाउंस एक दंडनीय अपराध है, जिसके लिए नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत सजा का प्रावधान है।
नए नियम: 1 मार्च 2025 से प्रभावी
RBI ने चेक बाउंस की बढ़ती घटनाओं को रोकने और लेन-देन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1 मार्च 2025 से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
- पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) अनिवार्य: अब ₹50,000 या उससे अधिक राशि के सभी चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम लागू होगा। इस प्रणाली के तहत, चेक जारीकर्ता को चेक से संबंधित विवरण जैसे तारीख, लाभार्थी का नाम, राशि आदि को बैंक के साथ साझा करना होगा। इससे चेक से संबंधित धोखाधड़ी की संभावनाएं कम होंगी।
- चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) का उपयोग: सभी चेक का प्रसंस्करण अब चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से किया जाएगा। यह प्रणाली चेक की भौतिक आवाजाही को समाप्त करती है और इलेक्ट्रॉनिक रूप से चेक की छवियों का आदान-प्रदान करती है, जिससे क्लियरिंग प्रक्रिया तेज और सुरक्षित होती है।
- चेक बाउंस पर बढ़ा जुर्माना: चेक बाउंस होने पर अब बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले जुर्माने में वृद्धि की गई है। यह जुर्माना बैंक की नीतियों और चेक की राशि पर निर्भर करेगा।
चेक बाउंस होने पर कार्रवाई
यदि आपका चेक बाउंस होता है, तो निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:
- सूचना: बैंक चेक बाउंस होने की सूचना चेक धारक और जारीकर्ता दोनों को देगा।
- नोटिस: चेक धारक चेक बाउंस की तारीख से 30 दिनों के भीतर चेक जारीकर्ता को भुगतान की मांग करते हुए कानूनी नोटिस भेजेगा।
- भुगतान अवधि: नोटिस प्राप्त करने के बाद, चेक जारीकर्ता के पास भुगतान करने के लिए 15 दिनों का समय होगा।
- कानूनी कार्रवाई: यदि निर्धारित समय में भुगतान नहीं किया जाता है, तो चेक धारक 30 दिनों के भीतर अदालत में शिकायत दर्ज कर सकता है।
सजा और जुर्माना
चेक बाउंस के मामलों में दोषी पाए जाने पर:
- सजा: दो साल तक की कैद या
- जुर्माना: चेक राशि का दोगुना तक या
- दोनों: सजा और जुर्माना दोनों लगाए जा सकते हैं।
Conclusion- Cheque Bounce
चेक बाउंस से बचने के लिए यह आवश्यक है कि आप अपने बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि सुनिश्चित करें, चेक भरते समय सभी विवरण सही भरें, और नए नियमों का पालन करें। 1 मार्च 2025 से लागू हुए इन नियमों का उद्देश्य लेन-देन की सुरक्षा बढ़ाना और धोखाधड़ी को कम करना है। इसलिए, सावधानीपूर्वक चेक का उपयोग करें और संभावित कानूनी समस्याओं से बचें।
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