खेती का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के मन में मेहनत और कम मुनाफे वाली छवि उभरती है। लेकिन उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के चार दोस्तों—चंद्रपाल मौर्य, सोमिल अवस्थी, और उनके दो अन्य साथियों—ने इस धारणा को बदलकर दिखाया है। उन्होंने पारंपरिक गन्ने की खेती छोड़कर टमाटर की खेती अपनाई और अपनी मेहनत और स्मार्ट तकनीकों के जरिए सालाना 1.5 करोड़ रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।
Tomato Farming Success Story: शुरुआत कैसे हुई?
साल 2005 में, चंद्रपाल और उनके दोस्तों ने गन्ने की पारंपरिक खेती से हटकर कुछ नया करने का निर्णय लिया। उन्होंने मात्र आधे एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती शुरू की। पहली फसल को बाजार में बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली, जिससे उन्हें प्रोत्साहन मिला। आज, ये चारों दोस्त 30 एकड़ जमीन पर टमाटर की खेती कर रहे हैं।
आधुनिक तकनीकों का उपयोग
इन दोस्तों ने पारंपरिक खेती के तरीकों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा, जिससे उनकी सफलता की राह आसान हुई।
स्टेकिंग (Staking) तकनीक
बांस और तार की मदद से पौधों को सहारा दिया जाता है, जिससे पौधे टूटने से बचते हैं और टमाटर की गुणवत्ता बेहतर होती है।
मल्चिंग पेपर का उपयोग
काले और सफेद रंग के मल्चिंग पेपर का इस्तेमाल करके मिट्टी की नमी बरकरार रखी जाती है, जिससे खरपतवार नियंत्रित होते हैं और सिंचाई में सहूलियत होती है।
उन्नत बीज और जैविक खाद
उच्च गुणवत्ता वाले बीज और जैविक खाद के प्रयोग से उत्पादकता में वृद्धि होती है, साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
ड्रिप इरीगेशन (टपक सिंचाई)
इस प्रणाली से पानी की बचत होती है और फसल को आवश्यकतानुसार पानी मिलता है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
बाजार में पकड़ और मुनाफा
इनकी मेहनत और रणनीति के चलते, इनके टमाटर दिल्ली, बेंगलुरु, इलाहाबाद जैसे बड़े शहरों और नेपाल तक पहुंचते हैं। प्रति एकड़ 1,200 से 1,400 कैरेट टमाटर का उत्पादन होता है, जिसकी कीमत ₹500 से ₹700 प्रति कैरेट होती है। इस प्रकार, एक एकड़ से लगभग ₹6-7 लाख का शुद्ध मुनाफा होता है।
गन्ने की खेती बनाम टमाटर की खेती
गन्ने की खेती में प्रति एकड़ लागत ₹40,000 से ₹1 लाख तक होती है, और मुनाफा लगभग ₹1 लाख प्रति एकड़ होता है, जिसमें 10-12 महीने लगते हैं। वहीं, टमाटर की खेती में प्रति एकड़ लागत ₹1.5-2 लाख होती है, लेकिन मुनाफा ₹6-7 लाख प्रति एकड़ होता है, और फसल 5-6 महीने में तैयार हो जाती है।
भविष्य की योजनाएं
ये दोस्त अब अपनी खेती का विस्तार 30 एकड़ से बढ़ाकर 40 एकड़ करने की योजना बना रहे हैं। साथ ही, करेला, तोरई, और परवल जैसी सब्जियों की खेती में भी कदम रख रहे हैं, ताकि गन्ने की खेती से पूरी तरह सब्जी की खेती में शिफ्ट हो सकें।
टमाटर की खेती शुरू करने के टिप्स
यदि आप भी टमाटर की खेती करना चाहते हैं, तो अक्टूबर में बुवाई करें, ड्रिप इरीगेशन और मल्चिंग पेपर का उपयोग करें, और बाजार की सही योजना बनाएं ताकि अधिक मुनाफा कमा सकें।
सीतापुर के इन चार दोस्तों ने साबित कर दिया है कि पारंपरिक खेती में बदलाव और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से खेती को लाभदायक व्यवसाय बनाया जा सकता है। उनकी कहानी हर किसान के लिए प्रेरणा है कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से खेती में भी करोड़ों की कमाई संभव है।
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